लेखनी प्रतियोगिता -28-Jan-2022 तेरे लिए गीत
बस तेरे लिए ही गीत गाती हूँ मैं,
जिंदगी को बस यूंँ ही गुनगुनाती हूँ मैं |
तेरे लिए शब्द गढ़ सकती हूँ,
नैनो में तुझको समा सकती हूँ,
बंसी की धुन लगे हैं प्यारी इतनी,
जान उस पर अपनी लुटा सकती हूंँ |
बस तेरे लिए.......................
इश्क में तेरे खो गई इस कदर,
इस दुनिया की मुझे रही न खबर,
चांदनी की तरह फैली रहूंँ मैं,
जो तू जिंदगी में मेरी आए बेखबर |
बस तेरे लिए....................
कई अंदाज तेरे हमने देखे हैं,
गुरुर में आप क्यों ऐसे ऐंठे हैं,
हमको कभी तू बदनाम न करना,
दिल अपना हम थामें बैठे हैं |
बस तेरे लिए...................
ठेस इस दिल को जो तू पहुंँचाएगा,
ये बता चैन तू भी कहांँ पाएगा,
नज़रें जो तेरी हमसे मिल जाएंगी,
दिल तू भी अपना हम पर लुटाएगा |
बस तेरे लिए......................
मेरी पलकों में आ तू छुप जा दिलदार ,
मैं करती रहूंँ सुबह शाम तेरा दीदार ,
काटे नहीं कटती अब तो मेरी रातें,
तुझको ही बनाया मैंने अपना हकदार |
बस तेरे लिए....................
आईना भी मेरा करता हैं मुझसे सवाल,
आखिर तूने मचाया यहाँ कैसा बवाल ,
जवाब उसको मुझसे कुछ देते न बने,
तूने तो मेरा दिलों जिगर किया हैं हलाल |
बस तेरे लिए.....................
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Sudhanshu pabdey
29-Jan-2022 12:00 PM
Very beautiful 👌
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Shrishti pandey
29-Jan-2022 08:31 AM
Ati uttam
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Swati chourasia
29-Jan-2022 07:37 AM
Bohot hi sundar rachna 👌
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